विष्णुपर्व - त्र्यशीतितमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01261074 | Lang: NA
वेणीसंहारः - पञ्चमोऽङ्कः
भट्ट नारायण संस्कृत के महान नाटककार थे। वे अपनी केवल एक कृति वेणीसंहार के द्वारा संस्कृत साहित्य में अमर हैं।
Type: PAGE | Rank: 0.00630537 | Lang: NA
द्वितीयः भागः - वातव्याध्यधिकारः
भावप्रकाशसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.005044295 | Lang: NA
अनेकार्थसङ्ग्रहः - द्विस्वरकाण्डः
आचार्यश्रीहेमचन्द्रेण विरचितः अनेकार्थसङ्ग्रहो नाम कोशः
Type: PAGE | Rank: 0.003783222 | Lang: NA
अनेकार्थसङ्ग्रहः - त्रिस्वरकाण्डः
आचार्यश्रीहेमचन्द्रेण विरचितः अनेकार्थसङ्ग्रहो नाम कोशः
Type: PAGE | Rank: 0.003152685 | Lang: NA
दशावतारचरित्रम् - कृष्णावतारोऽष्टमः
संस्कृत भाषेतील काव्य, महाकाव्य म्हणजे साहित्य विश्वातील मैलाचा दगड होय, काय आनंद मिळतो त्याचा रसास्वाद घेताना, स्वर्गसुखच, त्यातीलच एक काव्य म्हणजे महाकविश्रीक्षेमेन्द्र रचित दशावतारचरित्रम्.
Type: PAGE | Rank: 0.003152685 | Lang: NA